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हेयर डाई बेचने से लेकर 2000 करोड़ रु का मसाला बिजनेस खड़ा करने तक, पद्मसिंह इसाक की कहानी...

Aachi Masala Foods आज दुनिया भर में भारतीय मसाला ब्रांड के रूप में अपना खास मकाम हासिल कर चुकी है. Tata और Wipro भी इसके मुरीद हैं. लेकिन फाउंडर पद्मसिंह इसाक के लिए ये सब इतना आसान नहीं था. उन्होंने हेयर डाई बेचने से लेकर 2000 करोड़ रु का मसाला बिजनेस खड़ा करने तक का लंबा सफर तय किया है.

हेयर डाई बेचने से लेकर 2000 करोड़ रु का मसाला बिजनेस खड़ा करने तक, पद्मसिंह इसाक की कहानी...

Friday April 12, 2024 , 3 min Read

मसालों की चहल-पहल भरी दुनिया में, आची मसाला फूड्स (AachiMasala Foods) भारतीय रसोई की समृद्ध विरासत का एक जीवंत प्रमाण है. यह एक ऐसा ब्रांड है जो दक्षिण भारत के साथ-साथ दुनिया भर में, रोजाना खाना पकाने की रस्मों में खुद को बुन चुका है. आची मसाला फूड्स की कहानी, स्वाद और परंपरा की एक मशाल के रूप में शुरू हुई थी. साल 1995 में चेन्नई में, पद्मसिंह इसाक (Padmasingh Isaac) के दूरदर्शी नेतृत्व में इसकी शुरुआत हुई थी. पद्मसिंह एक ऐसी शख़्सियत हैं, जिन्होंने अपने सुगंधित सपनों को वास्तविकता में बदल दिया.

परंपरा

पद्मसिंह इसाक की यात्रा गरीबी से शुरु हुई. तमिलनाडु के नाज़रेथ में एक किसान परिवार में जन्मे, इसाक का बचपन मुश्किलों भरा रहा. उनका पालन-पोषण उनकी माँ ने किया, क्योंकि उनके पिता की मृत्यु युवा अवस्था में ही हो गई थी. उनकी माँ की खाना पकाने की कला और जादुई मसाले जिनका वह इस्तेमाल करतीं, आची मसाला की नींव बने. इस से प्रेरित होकर, इसाक ने घरेलू खाना पकाने को हर घर तक सुलभ बनाने के मिशन पर काम करना शुरू किया. लेकिन, इससे पहले उन्होंने Godrej में दस वर्षों तक बतौर हेयर डाई सेल्समेन काम किया.

आची मसाला की शुरुआत

आची का बाजार में पहला प्रोडक्ट, एक करी मसाला पाउडर जिसकी कीमत केवल 2 रुपये थी, एक गेम-चेंजर था. यह एक स्वादिष्ट यात्रा की शुरुआत थी जो विभिन्न स्वादों और पसंदों के अनुरूप मसाले बनाने की विविधता में विस्तारित हुई. गुणवत्ता और किफायती मूल्य पर कड़ी नज़र रखते हुए, आची मसाला ने अपनी खास पहचान बनाई. कंपनी ने असली भारतीय खाना पकाने का अनुभव दुनिया भर में फैलाते हुए अपने मसाला कारोबार का विस्तार किया.

2000 करोड़ रुपये का साम्राज्य

आची मसाला की सफलता की कहानी केवल मसालों के बारे में नहीं है, बल्कि इसके प्रभावशाली विकास और सामरिक विस्तारों के बारे में भी है. 2022 तक, कंपनी ने 1660 करोड़ रुपये की आय और 21.7 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जिससे इसकी फूड इंडस्ट्री में महत्वपूर्ण छाप पता चलती है​​. 2023 में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर तब आया, जब 1000 करोड़ रुपये का मूल्य आंकते हुए Wipro और Tata Group ने कंपनी में नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल करने में रुचि दिखाई. The CEO Magazine के अनुसार, आज, 2000 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन वाली कंपनी आची मसाला फूड्स ने न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में मसाला उद्योग में अपनी छाप छोड़ी है.

भविष्य के लिए इनोवेशन

इसाक के नेतृत्व में, आची केवल परंपरा को बनाए रखने में ही सफल नहीं हुई है, बल्कि इसने इनोवेशन को भी अपनाया है. Gulfood 2024 जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों में भागीदारी आची की वैश्विक विस्तार और फूड प्रोसेसिंग में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के अनुकूलन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है​​. मसालों की सुगंध और सार को बनाए रखने के लिए कोल्ड ग्राइंडिंग टेक्नोलॉजी पर इसाक का ध्यान आची की गुणवत्ता के प्रति समर्पण का उदाहरण है.

अपनी शुरुआत से ही, आची मसाला फूड्स ने अपने मायने केवल एक कंपनी होने तक सीमित नहीं रखे, यह जुनून, परंपरा, और इनोवेशन की एक यात्रा है. जैसे-जैसे यह दुनिया भर की रसोइयों को मसालेदार बनाती है, आची भारतीय खान-पान की विरासत का गर्वित प्रतिनिधित्व करती है, हर भोजन को एक उत्सव बनाती है. पद्मसिंघ इसाक के नेतृत्व में, आची मसाला केवल स्वादों तक सीमित नहीं है, यह एक सुगंधित व्यंजन जरिए परिवारों को एक साथ लाती है.